Monday, September 16, 2024
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आखिर इन राज्यों को भारत में सात बहनें का दर्जा क्यों मिला हुआ है।

हमारे देश भारत में कुल 28 राज्य हैं और 8 केंद्र शासित प्रदेश। आपको तो पता ही होगा की हमारे देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में से 7 राज्यों को सात बहनों का दर्जा मिला हुआ है। क्या आप जानते हैं इन सभी को साथ बहनों का दर्जा क्यों मिला हुआ है।अगर आपका जवाब नहीं है, तो आप यहां इसी विषय पर जानकारी प्राप्त करेंगे।

   भारत के उत्तर पूर्व के राज्यों को सात बहनों का दर्जा इसलिए मिला है क्योंकि यह सभी राज्य एक – दूसरे पर निर्भर हैं। यह सभी राज्य मिलकर एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं मानो यह एक – दूसरे के पूरक हों।

इन सात बहनों में राज्यों के नाम हैं – असम, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश। बहुत से लोगों को यह लगता है कि सिक्किम  राज्य भी इन सात बहनों का हिस्सा है।परंतु ऐसा नहीं है क्योंकि सिक्किम इनका का हिस्सा नहीं है। जिस वक्त इन सात बहनों का गठन हुआ था तब सिक्किम हमारा देश का राज्य नहीं था। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इन सात बहनों को मानो प्रकृति का भरपूर आशीर्वाद मिला हुआ है। क्योंकि इन सातों बहनों की सुंदरता इतनी अद्भुत है कि देखते ही बनती है, अद्भुत ,मनमोहन है।

   भारत के पूर्वोत्तर राज्य यानी सात बहनों में से पहले नंबर पर आता है असम। यह दक्षिणपूर्व में स्थित है। जिसकी राजधानी दिसपुर है। इस राज्य का क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किलोमीटर है। पहले इस राज्य को एक राज्य का दर्जा नहीं मिला हुआ था परंतु 26 जनवरी 1950 को इसे भारत के राज्य का दर्जा मिला गया था। असम को पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेश द्वार कहा जाता है। क्योंकि पूर्वोत्तर राज्यों में प्रवेश करने के लिए सर्वप्रथम असम में प्रवेश करना पड़ता है। इस राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी बहती है अथवा इसी राज्य में दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है जिसे माजुली द्वीप कहा जाता है।

असम राज्य दुनिया भर में अपने मिट्टी के बने मुखोटों के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है।असम राज्य के डिग्बोइ शहर में दुनिया के सबसे पुराने परिचालन रिफाइनरी है। यहां पर एक रिफाइनरी 1901 से अब तक चली आ रही है। राज्य में कुल 33 जिले हैं। आपको तो यह पता ही होगा कि असम राज्य अपने चाय के अच्छे उत्पादन के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है परंतु क्या आपको पता है कि भारत का 50% चाय का उत्पादन केवल असम में ही होता है। एक आंकड़े के अनुसार असम में 1 वर्ष में लगभग 63-70 करोड़ किलोग्राम का चाय उत्पादन होता है। इस राज्य का कामाख्या मंदिर, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और अपनी चाय के बागान के लिए बहुत ही मशहूर माना जाता है। पूरी दुनिया में गोल्डन सिल्क के नाम से जाना जाने वाला मूंगा रेशम इसी राज्य का उत्पाद है।

    दूसरे स्थान पर आता है नागालैंड। इस राज्य का गठन 1 दिसंबर 1963 में 16वें राज्य के रूप में हुआ था। इस राज्य का क्षेत्रफल 16,579 है और इस राज्य की जनसंख्या 19,80,602 है। इस राज्य में कुल मिलाकर 12 जिले हैं। जिसमें से दीमापुर सबसे बड़ा शहर है।इस राज्य की 80% आबादी ईसाई धर्म को मानते हैं। इस राज्य मैं दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची में से एक मिर्ची पाई जाती है। जिसे भूट जोलोकिया नाम से जानते है। इस मिर्ची को घोस्ट पिपर भी कहा जाता है। यह भारत की सबसे ज्यादा तीखी मिर्ची है। इस मिर्ची का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है। नागालैंड में लगभग 100 से अधिक जनजातियां रहती है। नागालैंड में आज तक कोई भी महिला विधायक नहीं बनी है। यहां पर राजनीति में महिलाओं का योगदान बिल्कुल भी नहीं है।

यहां पर 1 से 10 दिसंबर के बीच में हॉर्नबिल त्योहार मनाया जाता है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।इसकी राजधानी इंफाल है इस राज्य को 15 अक्टूबर 1949 को देश में शामिल किया गया था परंतु इसे पूर्ण राज्य का दर्जा 21 जनवरी 1972 को मिला था। इस राज्य का क्षेत्र क्षेत्रफल 22,347 वर्ग किलोमीटर है और इस की जनसंख्या 2855,994 है। इस राज्य में कुल 16 जिले हैं। इस राज्य की सीमा उत्तर में नागालैंड राज्य, दक्षिण में मिजोरम राज्य , पश्चिम में असम राज्य और पूर्व में म्यानमार देश से मिलती है। यह राज्य आर्किड बास्केट भी कहा जाता है। क्योंकि यह सिरोई लिली  फूल के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है, यह फूल पूरी दुनिया में सिर्फ मणिपुर में ही मिलता है। इस राज्य के उखरूल जिले में सिरोही त्यौहार भी मनाया जाता है, जिसे देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं। इस राज्य में किबोल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान, विष्णुपुर अस्तित्व- विष्णु मंदिर, मोरेह सीरिया गांव, उखरुल की पहाड़ियां, कांग्ला पार्क जैसे पर्यटन स्थान है। जो दुनिया भर में प्रसिद्ध माने जाते हैं। यह राज्य पूरी दुनिया में एक अकेला ऐसा राज्य है जहां एक तैरती झील है।

   चौथे स्थान पर मेघालय आता है। इस राज्य की राजधानी शिलांग है। इस राज्य को असम के 2 बड़े जिलों संयुक्त खासी हिल्स और जयंती हिल्स को अलग करके 21 जनवरी 1972 को अलग राज्य बनाया गया था। इसे राज्य का दर्जा मिलने से पूर्व 1970 में अर्ध स्वायत्त राज्य का दर्जा मिला हुआ था। इस राज्य का क्षेत्रफल 22,429 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 29,64,007 है। यहां कुल 11 जिले हैं। मेघालय का अर्थ होता है बादलों का घर और यह बात सत्य भी है, क्योंकि यहां के चेरापूंजी में साल भर वर्षा होती है और यह भारत का सबसे नम राज्य कहलाता हैं।यहां का तापमान अधिकतम 28° डिग्री ही पहुंच पाता है और सर्दियों में तापमान 0°डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।यह अपने रूट ब्रिजिज़ के लिए बहुत प्रसिद्ध माना जाता है। यह भारत का सबसे स्वच्छ राज्य माना जाता है। यहां बहुत सारी नदियां हैं जैसे – गानोल, सांडा, बांद्रा और बुगोई नदियां जो यहां पर प्रमुख मानी जाती है। यहां की उमनगोत नदी को सबसे साफ नदी माना जाता है, क्योंकि इसका पानी बहुत ही साफ है।अगर कोई नाव नदी पर तैर रही हो तो, ऐसा प्रतीत होता है मानो की नाव कांच पर चल रही हो। यही नहीं यहां पर भारत का सबसे ऊंचा झरना नोलिकिकाई भी है। यहां पर डॉनबॉस्को म्यूजियम, मसाई गुफा, गारो पहाड़ियां और एलीफैंट झरना

, जैसे सुंदर-सुंदर पर्यटन स्थल भी है।जिसे देखने दुनियाभर से लोग आते हैं। यह भारत के सबसे सुंदर राज्य में से एक है जिसके कारण इसे भारत के पूर्व का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है।

  पांचवे स्थान पर आता है त्रिपुरा। इसकी राजधानी अगरतला है। यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। यह राज्य भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है जिसका क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किलोमीटर है। इसका गठन 21 जनवरी 1972 को किया गया था। त्रिपुरा में कुल 8 जिले हैं।

त्रिपुरा म्यानमार और बांग्लादेश की नदी घाटी के बीच स्थित है। इसके पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में बांग्लादेश है और पूर्व में असम है और मिजोरम है। पूर्वोत्तर में गुवाहाटी के बाद अगरतला ही सबसे प्रसिद्ध शहर है। इस राज्य की जनसंख्या 36,73,917 है। यह राज्य आधा जंगल से भरा हुआ है।

6वें स्थान पर अरुणाचल प्रदेश आता है। यह भारत का 24 वां राज्य है। यह सात बहनों में से सबसे बड़ी बहन है यानी कि इन सातों राज्यों में से सबसे बड़ा राज्य है।इस राज्य में कुल 25 जिले हैं इस राज्य का क्षेत्रफल 83,743 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल से भारत का 15 सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य की जनसंख्या 13,82,611 है।

इसे उगते सूर्य का घर भी कहा जाता है क्योंकि भारत में सबसे पहले सूर्य अरुणाचल प्रदेश में ही उदय होता है। यहां पर सूर्य की पहली किरण सुबह के 4:30 बजे ही पड़ जाती है। आजादी के बहुत  समय तक अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य नहीं था। पहले इसे नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी के नाम से जानते थे। सन् 1972 में बीभावाशु दास शास्त्री जी ने इस राज्य को अरुणाचल प्रदेश नाम दिया था। प्रतेक वर्ष 20 फरवरी को हैप्पी अरुणाचल प्रदेश स्टेट डे अर्थात राज्य स्थापना दिवस नाया जाता है। इसकी सीमा म्यानमार, भूटान और चीन से लगता है, जिसके कारण इसकी संस्कृति काफी मिलीजुली दिखाई देती है। जिसके कारण यहां अलग अलग संस्कृति देखने को मिलती है। इसे पूर्वोत्तर भारत के आभूषण का दर्जा भी मिला हुआ है। इसे भारत का फिनलैंड कहा जाता है, क्योंकि सर्दियों में यहां का अधिकतर भाग बर्फ से ढक जाता है। इस राज्य का 80% भाग जंगलों से भरा हुआ है।

इस राज्य का सबसे मशहूर पर्यटन स्थल तवांग बौद्ध मठ है। जो 400 साल पुराना है और  भारत का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। इसकी अर्थव्यवस्था अधिकतम खेती पर निर्भर है।

   सातवें स्थान पर मिजोरम आता है। यह राज्य 1972 तक असम राज्य का हिस्सा था  परन्तु 20 फरवरी 1987 तक इसे भारत का 23वा राज्य घोषित कर दिया गया था। इसकी राजधानी एजवाल है। इसका क्षेत्रफल 21,081 वर्ग किलोमीटर है और इसकी जनसंख्या 10,91,014 है। इस राज्य में कुल 11 जिले हैं।

विश्व की कर्क रेखा इस राज्य के मध्य से होकर गुजरती है। इस राज्य को भारत का तीसरा सबसे अधिक साक्षर राज्य माना जाता है। यह राज्य पूरा जंगलों से भरा हुआ भी है, जिसके कारण यहां मार्च से लेकर सितंबर तक बारिश होती रहती है। यहां की सबसे बड़ी नदी का नाम चिमतूपी है , जिससे कालादान भी कहा जाता है। इस राज्य की सबसे बड़ी झील पलक झील है। मिजोरम शब्द मौतल शब्द से निकाला गया है।जिसका अर्थ होता है अकाल क्योंकि यहां पर लगभग 12 साल बाद बांस के फूल खिलते हैं।जिसे खाकर बहुत सारे चूहे हो जाते हैं और चूहों की प्रजनन क्षमता भी बढ़ जाती है। जिसके कारण यह लोगों के घरों में रखी वस्तु और अनाजों तक को खाना शुरू कर देते हैं, जिसके कारण लोगों को अकाल का सामना करना पड़ता है। यह  राज्य अपने नीले पर्वतों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।

 हमारा पूर्वोत्तर भारत इन सभी खुबसूरती और खासियतों के साथ साथ यह राज्य भारत के सबसे ज्यादा नक्सली क्षेत्र भी है। क्योंकि इन राज्यों के सीमा अन्य कई राज्यों से मिलती है। यह  सभी इलाके या तो जंगलों से भरे हुए है या तो पहाड़ी इलाकों में आते हैं। जिसके कारण नक्सल वादियों को हमारे देश के अंदर प्रवेश करने में आसानी होती है। यहीं नहीं हमारे पड़ोसी देश चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर कब्जा किया है और दावा करता हैं की अरूणाचल प्रदेश उनका राज्य है। अरुणाचल प्रदेश पर चीन द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र मैकमोहन रेखा के दक्षिण में है। यह सभी मुद्दे हमारी देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ी चिंता के विषयों में से एक है। 
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