कंप्यूटर की भाषाई जानकारी, जिन्हें आपको जानना बहुत जरूरी है।
वर्तमान समय में कंप्यूटर हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी का एक बहुत बड़ा अंग बन चुका है, मानो की यह हमारे परिवार का ही सदस्य हो। कंप्यूटर जो हमारी जिन्दगी के मे बहुत अहम भूमिका निभा रहा है क्यूंकि आज कल हर कागजी करवाई अब कंप्यूटर के द्वारा ही होती हैं। कंप्यूटर के साथ – साथ अब तो स्मार्ट फोन भी आ चुके हैं। वैसे आप सभी को तो कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की तो अच्छी खासी जानकारी होगी। पर क्या आपको कंप्यूटर की भाषाई जानकारी के बारे में ज्ञान है?
क्या आप को ऐसा लगता है की कंप्यूटर की भाषा हमारी लिखित व मौखिक भाषा की तरह हिंदी, इंग्लिश, तमिल, गुजराती, बिखरी, मराठी,बंगाली उर्दू -आदि की तरह होती है? जी नहीं ऐसा नहीं है।यहां आप इसी जानकारी के विषय में पढ़ने वाले हैं की कंप्यूटर की भाषा कैसी होती है और कैसे प्रयोग में लाई जाती है। कंप्यूटर की भाषा हमारी आम भाषाओं से अलग होती है । कंप्यूटर की भाषा को विशेषकर तीन भागों में बांटा जाता है ।
1. मशीनी कूट भाषा (Machine code language)
2.एसेंबली कूट भाषा (Assembly code language)
3. उच्चार स्तरीय भाषाएं (High level language)।
1. मशीनी कूट भाषा (Machine code language) :- इस भाषा में आदेशों का प्रयोग किया जाता है और इन आदेशों को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है- (a) आदेश कोड (Operation code) और (b) स्थिति कोड(Location code)। इनको 0 से 1के समूह में रख कर व्यक्त किया जाता है। जब कंप्यूटर की शुरुआत हुई थी तब प्रोग्रामों द्वारा लिए 0 से 1 के अलग- अलग क्रमों को प्रयोग में लाया जाता था। यह भाषा कंप्यूटर में फीड करने में काफी समय लगाती थी। जिसके कारण हमे एसेंबली और उच्च स्तरीय भाषाओं की जरूरत पड़ी।
2. एसेंबली भाषा (Assembly language) : इसमें प्रयोग की जाने वाली भाषा को ,नेमोनिक कोड कहा जाता है। इन कोडों को याद रखने की जरूरत पड़ती है। जैसे – ADDITION के लिए ADD, SUBSTRACTION के लिए SUB और JUMPके लिए JMP ।इन भाषाओं को निम्न स्तरीय भाषाओं के नाम से भी जाना जाता है।
3. उच्च स्तरीय भाषाएं (High level languages) :- ऐसा माना जाता है की उच्च स्तरीय भाषाओं के विकसित होने के पीछे IBM कंपनी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस कंपनी द्वारा जो पहली उच्च स्तरीय भाषा खोजी गई थी उसे फॉरट्रान(Fortran) नाम से जाना जाता है।इस भाषा के बाद 100 से अधिक भाषाओं का अविष्कार हुआ। यह भाषा लोगों के बोलचाल से काफी मेल खाती है।इसके बाद उच्च स्तरीय भाषाओं का विकास बहुत तेज़ी से होने लगा । कुछ उच्च स्तरीय भाषाएं इस प्रकार है –
(a) फॉरट्रान(Fortran) – इस भाषा का विकास जे. डब्ल्यू. बेकस के द्वारा 1957 ईश्वी में किया गया था । जो की IBM कंपनी के सदस्य थे।इस भाषा की सहायता से गणित सूत्रों को जल्दी और आसानी से हल किया जाने लगा।
(b) कोबोल (Cobol) – इसे बिजनेस ओरिएंटेड लैंग्वेज कहा जाता है। इस भाषा की सक्रियता के लिए पैराग्राफ समूह को प्रयोग में लाया जाता है। इसका विकास व्यावसायिक पक्ष में किया गया था। इस भाषा में सभी पैराग्राफ को मिलाकर सेक्शन बनत है और सेक्शन मिलकर डिविजन बनते हैं।
(C) बेसिक (Basic) – यह बिगनर्स ऑल पर्पस
सिम्वालिक इंस्ट्रक्एशन कोड,जो अंग्रेजी भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना एक छोटा स्वरूप है। किसी प्रोग्राम में निश्चित भाग पादित करने के लिय इस भाषा का प्रयोग किया जाता है। इस भाषा के पहले तक पूरे प्रोग्राम को कंप्यूटर पर डाला जाता था अगर प्रोग्राम ठीक होता तभी बाकी कार्यों को आगे बढ़ाया जाता था।
(d) अल्गोल(Algol) – इसे अंग्रेजी भाषा के अल्गोरिथम से लिया गया है। इसकी खोज कठिन बीजगणित की गणना को आसान करने के लिए किया गया था।
(e) पास्कल (pascal)– यह अल्गोल से उल्टा है। यह सभी चारों को साधारण रूप प्रदान करता है। जिससे यह अल्गोल और बेसिक से अलग होता है।
(f) लोगो (logo) – इसका उपयोग ग्राफिक आलेखों से या पिक्चर के माध्यम से छोटे बच्चों को शिक्षा देने के लिए किया जाता है।
(g) प्रोलॉग (prolog) – इसे इंग्लिश भाषा के दो शब्द प्रोग्रामिंग और लॉजिक को छोटे रूप मैं ढाल दिया गया है।इसका विकास फ्रांस मैं सन् 1973 ईश्वी में किया गया था।इसे तार्किक प्रोग्रामिंग में भी सक्षम माना जाता है।
(h) फोर्थ (Forth) – इसे कंप्यूटर में सभी प्रकार के कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसमें अंग्रेज़ी भाषा के वर्णों (A,B,C,D,E,F……. आदि)आते है और अरेबियन अंकों (0,1,2,3,4,5………. आदि) को प्रयोग में लाया जाता है। इसकी खोज चार्ल्स मूरे द्वारा की गई थी।
बदलते समय के साथ साथ कंप्यूटर लैंग्वेज में और भी बहुत सारे भाग हैं जो उच्च स्तरीय भाषाओं में जुड़ते जा रहे हैं। वर्तमान समय में कंप्यूटर से न जुड़ना यानी अपनी शिक्षा को अधूरा रखना है।