भारतीय संसद भारत के गणराज्य का सर्वोच्च विधाई निकाय माना जाता है। यह सदन हमारे भारत के राष्ट्रपति और दो सदनों राज्यसभा और लोकसभा को मिलाकर बनता है। हालही में हमारे देश का एक नया संसद भवन बनकर तैयार हुआ है। नए संसद भवन को लेकर आपके मन में कई सारे प्रश्न होंगे की आखिर हमे नए संसद भवन की आवश्यकता क्यों पड़ी, इसके निर्माण कार्य में कितनी लगता आई होगी , नए संसद भवन के बनने के बाद अब पूरे संसद भवन का क्या होगा, नए संसद में क्या खासियत है या और भी कई सवाल आपके मन में उठ रहे होगें। यहां पर आप इन्हीं सब प्रश्नों के विषय में जानेंगे।
पहले यहां हम पुराने संसद भवन पर कुछ चर्चा करेंगे की इसका निर्माण कब हुआ था ,किसने करवाया था, इसके निर्माण कार्य में कितनी लागत आई थी ,आदि। हमारे पुराने संसद भवन का निर्माण कार्य 12 मई 1921 में शुरू हुआ था। इसका निर्माण कार्य 6 वर्षों तक चला था। 6 साल बाद 1927 में हमारा पहला संसद भवन बनकर तैयार हुआ था। इसका उद्घाटन कार्य 18 जनवरी 1927 को उस समय के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन के द्वारा हुआ था। उस समय में पुराने संसद भवन को बनाने की लागत 83 लाख रुपए आई थी। संसद भवन 24,281,16 वर्ग मीटर में फैला हुआ है।इसका आकार गोल है।
इसका निर्माण भारत के चौसठ योगिनी मंदिर की आकृति से प्रेरित होकर बनाया गया था। इसकी सरंचना का डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लूटियन और सर हरबर्ट बेकर द्वारा 1912-13 में तैयार की गई थी।इसकी शिलान्यास रखने का कार्य प्रिंस ऑर्थर ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न ने की थी। इसका
एक कारण पुराने संसद की संरचना है जिससे वर्तमान में जल की कमी, सीवर लाइन एयरकंडिसनिंग, अग्निशमंक उपकरण, सीसीटीवी कैमरा आदि सुविधा के जुड़ने से कई स्थानों पर जल का रिसाव हो रहा है जिसे संसद भवन की सुंदरता में कमी आई है।जिसमे से अग्निशामक सुरक्षा सबसे ज्यादा चिंता का विषय था। पुराने संसद का निर्माण तब हुआ था जब दिल्ली भूकम्पीय जोन-lI में था। परंतु अब दिल्ली भूकम्पीय जोन-v में आ चुका है जो संरचनात्मक सुरक्षा के लिए चिंता का बहुत बड़ा विषय है। कार्य क्षेत्र की कमी भी एक कारण है, कुछ बदलाव करके आंतरिक गलियारों को कार्यालयों मे बदल दिया गया। जिसके कारण जगहें पहले से कम हो गई है जिसके कारण कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र पूरा नहीं हो पा रहा है।
नए संसद भवन में लोक सभा में 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गाई है और राज्य सभा में 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था बनाई गई है।
नए संसद भवन को आधुनिक उपकरणों से परिपूर्ण करके पेपर लेस बनाया है। इसमें अल्ट्रा मॉडर्न ऑफिस स्पेस की व्यवस्था भी की गई है। नया संसद भवन त्रिभुजाकार और 4 मंजिला बनाया गया है। यह 64,500 वर्ग मीटर तक फैला हुआ है। इसकी यह संरचना कम क्षेत्र के कुशलतम प्रयोग को दिखाता है।