Monday, September 16, 2024
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दुनिया की 5 सबसे खतरनाक मछलियां , जिनके बारे में आप बिलकुल नही जानते होंगे।

आप सभी हो तो जानते ही हैं कि पृथ्वी पर 70% से अधिक क्षेत्र में पानी ही पानी है, जैसे सागर के रूप में नदियां और झरने के रूप में है। नदी और झरनों का पानी अधिकतम मीठा पाया जाता है, पर समुद्र का जल अपनी खारे और नमकीन उनके लिए समुद्री कहलाता है। समुद्र तटों पर हवाएं सागर की सतह पर घर्षण से धाराएं बनाती है। जो एक स्थिर परिसंचरण बनता है। ऐसे में समुद्र का नजारा बहुत अद्भुत और सुंदर लगता है। समुंद्र तट एक बहुत ही सुंदर जगह होती है, जहां पर जाना और उस जगह पर समय बिताना अधिकतर लोगों को बहुत पसंद है। अक्सर समुद्र तट पर वहां के अद्भुत मौसम का लुफ्त उठाने के लिए लोग जाते हैं। लोग अपना खाली वक्त वहां खेलों में वहां पर लेट कर नजारों को देखने में बिताते है।

जितना सुंदर समुद्र का तटीय नजारा लगता है, उतना ही सुंदर समुंद्र के अंदर की दुनिया भी लगती है। परंतु समुंद्र के अंदर की दुनिया जितनी सुंदर है, वास्तविकता में समुद्र के अंदर की दुनिया उतनी ही खतरनाक होती है। क्योंकि यहां पर एक से बढ़कर एक खतरनाक समुद्री जीव पाए जाते हैं।

 अगर समुंद्र के समुद्री मछलियों के विषय पर जाने तो यहां मछलियों की 30,000 से भी अधिक प्रजातियां या निवास करती है। जिनमें से कुछ मछलियां बहुत ज्यादा ही खतरनाक होती है।
 समुंद्र में पाए जाने वाले दुनिया के खतरनाक मछलियों में से एक स्टोन फिश है।यह पत्थर के समान दिखाई देने वाली मछली है, जो समुद्र के अंदर बड़े पत्थरों के बीच छुप जाती है जिससे उसको कोई भी पहचान नहीं पाता है। पत्थर जैसे दिखने वाली यह मछली बहुत ही खतरनाक होती है, क्योंकि कई बार लोग समुद्र के अंदर जाने के बाद इसे पत्थर समझकर उठाने का प्रयास करते हैं या बाकी मछलियां जब पत्थर के बनस्पति को जब खाने जाती है, तो इसे पहचान नहीं पाती है और यह हमला कर देती है। यह मछली चलीय जीवो के साथ-साथ मनुष्य के लिए भी खतरनाक साबित होती है और उनकी जान तक चली जाती है। क्योंकि यह पत्थर की जैसे दिखाई देने वाली मछली इतनी जहरीली होती है कि अगर इसकी जहर का एक बूंद अगर किसी शहर के पानी में डाल दिया जाए तो पूरा शहर तबाह हो सकता है। क्योंकि इसका सिर्फ एक बूंद पूरे शहर के पानी को जहरीला बना देता है, जिसे पीने वाले हर व्यक्ति की मौत हो जाती है। दरअसल इसके शरीर में न्यूरोटॉक्सिंस जहर पाया जाता है। पत्थरनुमा मछली पर पड़ने वाले वजन के अनुसार ,मछली अपने शरीर से जहर को प्रभावित करती है।

इसलिए यह इतनी खतरनाक होती है। यह इतनी खतरनाक होती है कि जिस जगह इसका डंक लगा हो और उस हिस्से को काटकर शरीर से तुरंत हटाया नहीं गया तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है जिससे इंसान की मौत हो जाती है। इसके जहर के असर से शरीर मे लकवा मार जाता है। यह मछली  इंडो पैसिफिक क्षेत्रों में पाया जाता है और यहां की  बाकी मछलियां बहुत सुंदर और मुलायम त्वचा वाली होती है पर यह पत्थर के समान दिखती है। इसका शरीर बिल्कुल पत्थर की तरह होता है। यह 40 सेंटीमीटर लंबी अथवा 2 किलोग्राम की होती है। इसकी 13 स्पाइंस होती है। इस मछली के शरीर पर सोई के प्रकार के डंक होते हैं, जिसके द्वारा यह अपना जहर प्रभावित करती है। यह केवल 15 सेकंड में ही अपने शिकार का खात्मा कर देती है। यह इतनी खतरनाक है कि समुंद्र मे उतरने वाले गोताखोरों को समुद्र में जाने से पहले प्रशिक्षित किया जाता है कि अगर उनके सामने यह मछली आ जाए तो इससे  बचाव कैसे किया जा सकता है।

  दूसरी मछली है पफर फिश। यह दिखने में बहुत मासूम और प्यारी होती है पर बिलकुल विपरीत होती है यानी कि खतरनाक। यह अधिकतर जापान, साउथ अफ्रीका, फिलिपिंस और मेक्सिको जैसे देशों में पाई जाती है। यह मछली ज्यादातर अपने अजीबोगरीब कारनामों की वजह से ज्यादा चर्चे में रहती है। क्योंकि जब यह महसूस करती है कि इसके आसपास खतरा है तो यह अपने आप को सामान्य रूप से बहुत अधिक फुला लेती है। इस मछली के अंदर टेट्रोडोटोटॉक्सिन नामक जहर होता है।

अगर कोई शिकारी इसका शिकार भी करने जाता है तो उसे जान तक का खतरा होता है। क्योंकि यह सिर्फ जलिय जीवो के लिए ही नहीं बल्कि मनुष्यो के लिए भी खतरनाक साबित होती है। इसका जहर साईनाईट से भी पंद्रह सौ गुना अधिक खतरनाक होता है। इसके अंदर के जहर टेट्राडोटोक्सीन जहर का अब तक कोई तोड़ नहीं बनाया जा सका है। परंतु फिर भी कुछ लोग इससे बड़े चाव से खाते हैं।इसे जापान देश के सबसे महंगी फूड में से एक माना जाता है। इसे जापान में फूफू के नाम से जाना जाता है और यहां के बावर्चियों को इसे बनाने के लिए एक स्पेशल प्रशिक्षण लेना पड़ता है। क्योंकि अगर यह बावर्चियों से इसे बनाने में कोई भूल हो जाती है तो यह खाने वाले की जान ले सकती है।

बहुत ही खतरनाक मछलियों में से एक फिश रेड लायन फिश भी है। यह मछली साउथ पेसिफिक और हिंद महासागर के उष्णकटिबंधीय जल में प्रवाल भित्तियों में मूल रूप से पाई जाती है। यह दिखने में भी बहुत खतरनाक होती है और इसके शरीर पर धारियां होती होती है।

इस मछली की लंबाई 5 से 45 सेंटीमीटर तक होती है और वजन 1/2 किलोग्राम तक होता है। 21वीं सदी में संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तटीय क्षेत्रों के अलावा मेक्सिको की खाड़ी और अरेबियन सागर में रिफ इको सिस्टम में  इन्हें स्थापित किया गया था।इसके शरीर पर पैक्टोरियल फिंस और जहरीले स्पाइंस होते हैं, जो कि बहुत ही खतरनाक होते हैं। यह अपने जहरीले फिंग्रेस के लिए प्रसिद्ध है। यह जलीय जीवो के अलावा मनुष्य के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं। यह खतरा महसूस होने पर अपने जहरीले पंख फैला देती है और हमला कर देती है। इसका यह जहरीला वार ही इसे बहुत खतरनाक बनाता है। यह जब शिकारी पर हमला करती है तो शिकारी को बहुत दर्द होता है। इस मछली के काटने पर दर्द के अलावा सांस लेने में दिक्कत और उल्टियां भी शुरू हो जाती है।

  विल्स कैटफिश खतरनाक मछलियों में से एक है। जिसका शरीर काफी बड़ा होता है यह यूरेशिया के मीठे पानी में खासकर पाई जाती है। इसकी लंबाई 5 मीटर होती है और वजन 150 किलोग्राम तक होता है।

यह मछली आक्रमक शिकारी जीवो में से एक है। यह अपने रेजर जैसे दातों से अपना शिकार करती है। जिसके कारण यह इंसानों तक पर हमला कर देती है और अपने शिकार को पूरी तरीके से घायल कर देती है। यह अधिकतर मेंढक, मछली, क्रिटीशियंस, कीड़े, चूहे, बत्तक आदि का शिकार करना पसंद करती है। इसका बड़ा  आकार और इसके जहरीले दांत ना सिर्फ जलीय प्राणी बल्कि इंसानों के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं। इस मछली का जीवनकाल 60 वर्ष तक का होता है।

   दुनिया की सबसे खतरनाक मछलियों में से एक मछली का कंडायरू फिश भी है। इससे टूथपिक फिश और वैंपायर फिश के नाम से भी जाना जाता है। यह अमेजन बेसिन के पानी में रहने वाली कैटफिश की एक प्रजाति है।

यह कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, बोलीविया, ब्राजील में पाई जाती है। इसका साइज बहुत छोटा होता है। इसकी लंबाई अधिकतम 1 इंच होती है इसका हमला करने का तरीका बहुत अलग है अगर कोई व्यक्ति पानी के अंदर उतरता है तो यह उस व्यक्ति के नाजुक हिस्सों द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाती है, जिससे उस व्यक्ति की मौत हो जाती है।

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