पृथ्वी पर ऐसा कोई नहीं है जो प्रकृति की सुंदरता का दीवाना ना हो। प्रकृति की सुंदरता सभी का दिल जीत लेती है। बहुत से व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो प्रकृति से इतना प्यार करते हैं और उनको नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचते तक नहीं है। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना हमें बहुत ही महंगा पड़ता है। वर्तमान समय में वैश्वीकरण के कारण पृथ्वी को बहुत ही नुकसान पहुंच रहा है। जिससे मौसम और प्रकृति में हमे असामान्य रूप से परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जो हमारे लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। इसलिए हमें प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, उन्हे नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। हमे ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए और प्रकृति को सुंदर रखने में अपना योगदान देना चाहिए।
इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 130 फीट की होती है। इस पेड़ का हर एक हिस्सा इतना डरावना होता है मानो कि इंसान की जान लेने के लिए ही बना हो। इसके हर तने और टहनियों पर कांटे ही कांटे नजर आते हैं ,जिसे देख कर ऐसा लगता है की मानो जैसे वह हर एक प्राणी को इससे दूर रहने के लिए सतर्क कर रहा हो। अगर इस पेड़ को कोई खुरचता है तो इसमें से एक सफेद द्रव्य निकलता है। जो अगर किसी की आंखों में गलती से चला जाए तो वह उसी पल अंधा हो सकता है। इस वृक्ष का फल पक जाने पर इतना खतरनाक हो जाता है कि बम की तरह विस्फोट कर जाता है। इस फल के विस्फोट के दौरान बीज की गति 260 मिनट/घंटे की रफ्तार से गोली की तरह निकलते है, जो कि किसी भी व्यक्ति की जान लेने के लिए काफी है।
इस वृक्ष का हर एक हिस्सा जानलेवा होता है , चाहे वह फल हो, पता हो, ताना हो या और कोई भाग हो। इसका फल जानलेवा होता है। इस वृक्ष का फल गोलाकार का दिखता है। अगर कोई भी व्यक्ति या जानवर इस पेड़ का फल या और कोई हिस्सा खा लेता है, तो उसकी तबीयत तुरंत ही बिगड़ने लग जाती है और उसके दिल की धड़कने तेज हो जाती है और उल्टियां भी होने लगती है। इस पेड़ का सबसे खतरनाक हिस्सा फलों के साथ लगा सफेद रंग का फूल होता है। इसे सुसाइड ट्री के नाम से भी जाना जाता है। यह वृक्ष अधिकतर भारत और अधिकांश एशियन देशों में ही पाया जाता है।
आप सभी यह सोच रहे होंगे कि सेब तो हमारे सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है, फिर उसका वृक्ष हमारे लिए हानिकारक कैसे हो सकता है? सेब हमारे लिए बहुत ही लाभदायक होता है परंतु उसका वृक्ष हमारे लिए खतरनाक इसलिए होता है क्योंकि उसके वृक्ष में सायनाइट नामक एक खतरनाक रसायन बनता है और उसका पत्ता भी हमारे लिए हानिकारक और जानलेवा माना जाता है। परंतु इसका सेब पर कोई असर नहीं पड़ता है, हां लेकिन उसके बीच में साईनाइट की बहुत ही कम मात्रा पाई जाती है। अगर हम गलती से सेब के एक या दो बीजों को खा भी लेते हैं, तो कोई खतरे की बात नही है, क्यूंकि उनका हमारे सेहत पर कोई फर्क नही पड़ेगा। सेब की बीजों का फर्क हमारे सेहत पर असर तब पड़ेगा जब हम उस बीजों को बहुत ज्यादा मात्रा मे खाएंगे। जिसकी संभावना बहुत ही कम है से सेब से हमे किसी भी प्रकार का खतरा नही है बल्कि उसके पेड़ों से है। सेब को पेड़ों से उतरने के लिए व्यक्ति को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , तब जाकर सेब हम तक पहुंचता है।
जी हां चैरी जिसे हम बड़े चाव से खाते हैं। इसका पेड़ और पत्ते बहुत ही खतरनाक होता है। जिस प्रकार सेब के वृक्ष में सायनाइट नामक जहरीला रसायन बनता है , उसी प्रकार चैरी के पेड़ में भी सायनाइट नामक जहरीला पदार्थ होता है और इसके पत्ते भी हमारे लिए जानलेवा साबित होते हैं। जो भी इन फलों को तोड़ता है उस बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है, तब जाकर हमें चैरी का फल मिलता है।
यह पेड़ फ्लोरिडा और कैरेबियन आयलैंड में पाया जाता है। यह पेड़ इतना खतरनाक है कि इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जा चुका है। इस पेड़ का पत्ता बहुत ही नुकीला होता है। इसका फल बिल्कुल सेब जैसा ही दिखता है। यह वृक्ष इतना खतरनाक होता है कि बारिश के दौरान अगर कोई व्यक्ति इस वृक्ष के नीचे बैठा है और बारिश की बूंदे इसके पत्तों को स्पर्श करते हुए उस व्यक्ति पर गिरती है, तो उस व्यक्ति की उसी क्षण मौत हो जाती है। इसलिए सरकार ने इस पर ‘ सावधान- स्पर्श न करें’ का बोर्ड लगाया हुआ है।