भारत अपने विविधताओं अपने रंग बिरंगी प्रकृति की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर तो है ही, साथ ही साथ भारत की कुछ ऐसी फूलों की घाटियां हैं जो बहुत खूबसूरत है इन वादियों में जाकर आप परम शांति को अनुभव करेंगे इतना ही नहीं इन फूलों की वादियों में पक्षियों की चहचहाहट इन खूबसूरती को और बढ़ा देती है। यहां की फूलों की वादियों में आपको फूलों की बहुत सारी प्रजातियां देखने को मिलेगी जिनकी सुंदरता आपका दिल छू लेंगी भारत की खूबसूरत फूलों की वादियों में सबसे पहले नंबर पर आता है ‘ वैली ऑफ फ्लावर इन उत्तराखंड’। यह वैली यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट भी है। यह वादी उत्तराखंड के गोवन घाट में स्थित है जो कि जोशी मठ के पास है। यह वादी स्थानिक अल्पाइन फूलों के लिए और दार्शनिक सौंदर्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां जाने के बाद आप यहां पाई जाने वाली फूलों की दुर्लभ प्रजाति को देख सकते हैं। यहां पर आपको
ब्रह्मकमल, पीला कोबरा लिली, जैक मोन्ट्स कोबरा लिली, वलिच कोबरा लिली, एलिगेंट स्लीपर, हिमालयन स्लीपर ऑरचिड और हिमालयन मार्श ऑर्चिड जैसे फूल आपको देखने को मिलेंगे। यहां आप फूलों की वादियों में घूमने के साथ-साथ ट्रैकिंग भी कर सकते हैं और साथ ही यहां के तीर्थ स्थानों पर घूमने भी जा सकते हैं। यहां का वातावरण इतना शुद्ध है कि आप इस वातावरण में खुलकर सांस ले सकते हैं।इतना ही नहीं यहां की एक मान्यता है कि रामायण में जब लक्ष्मण जी जीवन संकट में थे, तब हनुमान जी ने जिस संजीवनी पर्वत को उठाया था वह यहीं से उठाया था।
प्लेट्यू को भारत का पश्चिमी स्विजरलैंड भी कहा जाता है। यह मुंबई में 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह जगह भी यूनेस्को की विश्व धरोहर जगहों में से एक है। यहां पर जैव विविधता भी पर्याप्त मात्रा में देखने को मिलती है। यहां पर आपको 850 से भी ज्यादा फूलों के पौधे देखने को मिलेंगे। इनमें आपको देखने को मिलते हैं जैसे- टूथब्रश ओरचिड,वाइड्यूरा, डिपकाडी फूल और भारतीय आरारोट की प्रजाति भी देखने को मिलती है। यहां पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय अगस्त से सितंबर का माना जाता है। यह जगह अपने ताजे मौसम के लिए भी काफी मशहूर है। जो कि यहां की खूबसूरती को और बढ़ा देती है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता देख लोग बिल्कुल मोहित हो जाते हैं।
यह स्थान समुद्र तल से लगभग 2000 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। इस जगह के बारे में केवल स्थानीय लोगों को ही जानकारी है। यहां का व्यवसायीकरण नहीं किया गया। जिसके कारण इसको हिमालय के बीट ड्रैगन डेस्टिनेशन का हिस्सा माना जाता है। यह स्थान सबसे ज़्यादा जुकोऊ लिली के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर और भी बहुत सारे फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती है। यह स्थान मणिपुर और नागालैंड के बॉर्डर पर है। यहां पर जाने का उत्तम समय जून से सितंबर का माना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता के कुछ ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं जो कहीं और नहीं मिल सकते। इस जगह को नागालैंड का स्वर्ग भी कहा जाता है।
यहां पर जाकर आपको ऐसा महसूस होगा कि जैसे आप रंग बिरंगे फूलों की चादर पर चल रहे हैं। यह स्थान भव्य घाटियों में से एक है। यह स्थान समुद्र तल से 3956 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह सिक्किम के उत्तर पूर्वी इलाके में पड़ता है जहां मानसून आता है तो इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। इन समय में आप यहां पर सेंक फॉय्ल्स, रोडोडेंड्रोन, आइरिस, पॉपिस, लाऊजवर्थज, प्रिम र्रोसेस और कोबरा लिली जैसे फूलों की प्रजाति को देख सकते हैं। मानसून के समय इस घाटी की भव्यता बहुत सुंदर हो जाती है। यहां पर आप फरवरी से जून के समय जाकर इस घाटी की सुंदरता का मजा उठा सकते हैं।
केरला के इस स्थान को शादीशुदा जोड़े के लिए स्वर्ग माना जाता है, क्योंकि इसकी भव्यता है ही इतनी सुंदर। यह केरला को ईडूक्की जिले में स्थित है। बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि यह जगह अगस्त में ग्रीन मेडोस और मंत्रमुग्ध कर देने वाले लैवंडर से भर जाता है। जिसे नीला कुरिंजी कहा जाता है, नीला कुरिंजी दुर्लभ फूल की प्रजाति है जो फूल उत्तर के सौर घास के मैदानों में पाया जाता है और यह फूल 12 साल में एक बार खिलता है। यह दृश्य देखने के लिए न केवल भारत के लोग बल्कि पूरी दुनिया से लोग आते हैं।