Monday, September 16, 2024
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क्या आप जानते हैं कि EVM का निर्माण भारत में कौन-कौन करता और इसे कैसे उपयोग किया जाता है?

वर्तमान समय में भारत में चुनाव के समय चुनाव प्रक्रिया के लिए जिस तकनीक का उपयोग किया जाता है उसे ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ कहा जाता है। पुराने समय में चुनाव के प्रक्रिया के समय पर्ची, संदूक, मोहरों आदि का उपयोग किया जाता था। लेकिन अब EVM मशीन का उपयोग किया जाता है और लोग इसी मशीन द्वारा अपना मतदान करते हैं। आज इस लेख में आप इसी विषय पर जानेंगे कि ईवीएम मशीन का निर्माण कैसे होता है, इसके फायदे क्या हैं, इसे बंद कैसे किया जाता है? आदि।

भारत में EVM मशीन का निर्माण

ईवीएम मशीन एक साधारण 6 वोल्ट के बैटरी से चलता है, जिसका निर्माण “भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बंगलौर” और “इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद” द्वारा किया जाता है। इसे पूरे भारत में आसानी से उपयोग में लाया जाता है क्योंकि यह साधारण सी बैटरी से चलता है साथ ही इसमें वोल्टेज कम होने के कारण ईवीएम से किसी भी मतदाता को बिजली का झटका लगने का भी डर नहीं होता है।एक ईवीएम में एक बार में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम अंकित किए जा सकते और अधिकतम 3840 मतों को रिकॉर्ड किया जा सकता है। एक “मतदान इकाई” (Ballot Unit) में 16 उम्मीदवारों का नाम अंकित रहता है और एक ईवीएम में ऐसे 4 इकाइयों को जोड़ा जा सकता है। यदि किसी निर्वाचन क्षेत्र में 64 से अधिक उम्मीदवार होते हैं तो मतदान के लिए पारंपरिक “मतपत्र या बॉक्स विधि” का प्रयोग किया जाता है।

ईवीएम मशीन द्वारा एक ही बार वोट कर सकते है उसके बटन को बार-बार दबाकर एक बार से अधिक वोट नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मतदान इकाई में किसी उम्मीदवार के नाम के आगे अंकित बटन को एक बार दबाने के बाद मशीन बंद हो जाती है।यदि कोई व्यक्ति एक साथ दो बटन दबाता है तो उसका मतदान दर्ज नहीं होता है। इस प्रकार ईवीएम मशीन “एक व्यक्ति, एक वोट” के सिद्धांत को सुनिश्चित करता है।

ईवीएम मशीन के उपयोग का लाभ

• वर्तमान समय में एक M3 EVM मशीन की लागत 17 हजार रुपये के लगभग आती है, लेकिन भविष्य में इस निवेश के माध्यम से मतपत्र की छपाई, उसके परिवहन और भंडारण तथा इनकी गिनती के लिए कर्मचारियों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक के रूप में खर्च होने वाले लाखों रूपए की बचत की जा सकती है।

• एक अनुमान के मुताबिक ईवीएम मशीन के प्रयोग के कारण भारत में एक राष्ट्रीय चुनाव में लगभग 10,000 टन मतपत्र बचाया जाता है।

• ईवीएम मशीनों को मतपेटियों की तुलना में आसानी से एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जाता है, क्योंकि यह हल्का और पोर्टेबल होता है।

• ईवीएम मशीनों के द्वारा मतगणना तेजी से की जाती है। जिससे मतगणना में लगने वाले समय की भी बचत होती है।

• ईवीएम मशीन के द्वारा निरक्षर लोगों को भी मतपत्र प्रणाली की तुलना में मतदान करने में आसानी होती है।

• ईवीएम मशीनों के आने से फर्जी मतदान में बहुत कमी दर्ज की गई है क्योंकि इसके द्वारा एक ही बार मत डाला जा सकता है। मतदान होने के बाद परिणाम ईवीएम मशीन की मेमोरी में अपने-आप ही स्टोर हो जाते हैं।

• ईवीएम का “नियंत्रण इकाई” मतदान के परिणाम को दस साल से भी अधिक समय तक अपनी मेमोरी में सुरक्षित रख सकता है।

• ईवीएम मशीन में केवल मतदान और मतगणना के समय में मशीनों को सक्रिय करने के लिए केवल बैटरी की आवश्यकता होती है और जैसे ही मतदान खत्म हो जाता है तो बैटरी को बंद कर दिया जाता है।

• एक भारतीय ईवीएम को लगभग 15 साल तक उपयोग में लाया जा सकता है।

ईवीएम मशीन बंद करने की प्रक्रिया

आखिरी मतदाता द्वारा वोट डालने के पश्चात् “नियंत्रण इकाई” (Control Unit) का प्रभारी इसके “बंद (close)” बटन को दबा देता है। इसके बाद ईवीएम में कोई भी वोट दर्ज नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, चुनाव की समाप्ति के बाद “मतदान इकाई” को “नियंत्रण इकाई” से अलग कर दिया जाता है। मतगणना के दौरान परिणाम (Result) बटन दबाने पर परिणाम प्रदर्शित होता है।

ईवीएम को सुरक्षित रखने के इंतज़ाम

मतदान से पहले और मतदान के बाद प्रत्येक ईवीएम मशीन को कड़ी निगरानी में रखा जाता है। वोट डलने के बाद शाम को कई लोगों की मौजूदगी में मतदान अधिकारी इस मशीन को सील बंद करता है। हर ईवीएम मशीन को एक खास कागज से सील किया जाता है। ये कागज भी करंसी नोट की तरह ही खास तौर पर बने होते हैं। करंसी नोट की ही तरह हर कागज़ के ऊपर एक खास नंबर भी अंकित होता है। कागजों से सील करने के बाद हर मशीन के परिणाम वाले हिस्से में स्थित छेद को धागे के मदद से बंद किया जाता है और उसके बाद उसे कागज और गर्म लाख से एक खास पीतल की सील लगा कर बंद किया जाता है। सील करने के बाद हर ईवीएम मशीन को किसी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की तरह की सुरक्षा के घेरे में मतगणना केन्द्र तक लाया जाता है। मतना केन्द्रों पर हर मशीन को मतगणना तिथि तक कड़े पहरे में रखा जाता है।

भारत द्वारा ईवीएम मशीन का निर्यात

(EVM Export from India)भारत द्वारा नेपाल, भूटान, नामीबिया, फिजी और केन्या जैसे देशों ने ईवीएम मशीन का निर्यात किया गया है। नामीबिया द्वारा 2014 में संपन्न राष्ट्रपति चुनावों के लिए भारत में निर्मित 1700 “नियंत्रण इकाई” और 3500 “मतदान इकाई” का आयात किया गया था। इसके अलावा कई अन्य एशियाई और अफ्रीकी देश भारतीय ईवीएम मशीनों की खरीद में रूचि रखते हैं।

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