पालक लौह तत्त्व (आयरन) से भरपूर सब्जी है। इसकी तासीर ठंडी होती है। शरीर में खून बनाने में पालक बहुत सहायक सिद्ध होता है। पालक को पकाने से इसके अंदर मौजूद गुण नष्ट नहीं होते। कब्ज के इलाज में पालक का नित्य सेवन रामबाण है। नियमित रूप से कुछ दिन पालक की सब्जी का सेवन करने से कब्ज से छुटकारा मिलता है। जिसे रात में बार-बार पेशाब आता हो उसके लिए संध्या में पालक की सब्जी खाना लाभप्रद है। इससे कुछ दिनों में यह शिकायत दूर हो जाती है। पायरिया के रोग में भी पालक काफी उपयोगी सिद्ध होता है। पालक के रस का सुबह सेवन करने से पायरिया से मुक्ति मिलती है। आंतों की सूजन अथवा आंतों के किसी भी रोग में पालक की सब्जी खाना लाभदायक होता है। यह उदर विकारों को भी दूर करता है। पालक के उपयोग के साथ कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है। पालक के पत्तों को बहुत अच्छी तरह खुले पानी में सफाई से धोयें, और फिर थोड़ी देर इन्हें पोटाश के पानी में भिगोकर रख दें। ऐसा करने से इनके पत्तों पर मौजूद कीड़े-मकोड़े मर जाते हैं। फिर साफ पानी से धोकर इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। बरसात केमहीनों में पालक के सेवन से बचें। इन दिनों मौसमी कीड़े-मकोड़े अधिक होते हैं, जो इन पत्तों के साथ शरीर में प्रवेश कर सकते हैं जिन पर पोटाश का भी असर नहीं होता। पालक की सब्जी में चूंकि लवण और जल की मात्रा अधिक होती है, इसलिए नमक का इस्तेमाल नाम मात्र ही करना बेहतर होगा।
आयरन का भरपूर खजाना हैं ‘पालक’ में’
By प्रीतम कुमार
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प्रीतम कुमारhttps://globalexplorer.in
मैं एक हिंदी समाचार लेखक हूं, जिसका उद्देश्य समाज को सत्य, न्याय और सच्चाई की ओर मार्गदर्शन करना है। मेरा काम समाचार और विश्लेषण के माध्यम से जनता को जागरूक करना है और समाज के मुद्दों पर प्रकाश डालना है।
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