नई लोकसभा में विपक्ष काफी आक्रमक है और वह स्पीकर को घेरने के मौका नहीं चूक रहा है। स्पीकर के चुनाव के बाद शुभकामनाओं के संदेश में विपक्षी नेताओं ने संविधान और नियम कानून की चर्चा की । अगले दिन कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर के शपथ के बाद स्पीकर से उलझने लगे। तब ओम बिरला ने उन्हें भी सलाह न देने की नसीहत दे दी।
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के चौथे दिन संसद स्पीकर और कांग्रेस नेताओं के बीच नोकझोंक देखने को मिलि। यह नोकझोंक कांग्रेस के नेता शशि थरूर के शपथ ग्रहण के बाद हुई। इंडिया गठबंधन के नेताओं की तरह शशि थरूर भी शपथ ग्रहण के दौरान संविधान की प्रति लिए नजर आए। अंत में उन्होंने जय संविधान का नारा दिया और स्पीकर से हाथ मिलाकर आसन से नीचे आए। तब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोग संविधान की शपथ ले ही रहे हैं।आप जो शपथ ले रहे हैं, वह संविधान की है। ऐसे में दीपेंद्र हुड्डा ने स्पीकर हुड्डा ने स्पीकर को उलचने की कोशिश की। इसपर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप अब संविधान पर भी आपत्ति जता रहे हैं। इस पर आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए। ओम बिरला ने जवाब देते हुए कि किस पर आपत्ति है।
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही ओम बिरला विपक्षी इंडिया गठबंधन के निशाने पर रहे हैं। खुद स्पीकर ने भी पहले दिन से ही सख्त रुख अपनाया है। स्पीकर के चुनाव के बाद सबसे पहले अखिलेश यादव ने इशारों में उन पर टिप्पणी की, फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद ने उनके पिछले कार्यकाल को लेकर टिप्पणी की। आगा सैयद ने अनुच्छेद 370 हटाने वाले प्रस्ताव को एक मिनट में पास करने वाला बयान दिया। तब ओम बिरला ने आगा सैयद को बताया था कि अनुच्छेद 370 के प्रस्ताव पर करीब साढ़े नौ घंटे चर्चा हुई थी। आपको ज्ञान नहीं है। संसद में ओम बिरला और विपक्ष के बीच पहली नोकझोंक पहले प्रस्ताव से ही शुरू हो गई।