आज कल गर्मी ने अपनी सीमा पार कर रखी है , लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है और जिनकी मजबूरी है, उन्हें तो घर से बाहर रहकर तपती गर्मी में काम करना ही पड़ता है। ऐसे में हर व्यक्ति के मन में एक ही सवाल उठता है कि इस भयंकर गर्मी से हमे राहत कब मिलेगी? हालही में भारत के उत्तरी राज्यों का पारा 43 डिग्री दर्ज़ किया गया है, इससे भी हैरानी की बात यह है कि राजस्थान के कुछ इलाकों में तो पारा 48 डिग्री तक पहुंच गया है और तो और गुजरात का तापमान भी 45 डिग्री के पार पहुंच गया है। इस स्थिति में अगर दिल्ली कि बात करें तो यहां पर सुबह शाम चल रही हवाओं ने गर्मी को थोड़ा संभाला हुआ है। परंतु ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में गर्मी अपना और भी प्रचंड रूप दिखा सकती है। अब ऐसे में सभी को यही आस लगी हुई है कि जाने जब बरसात का मौसम आयेगा और हमें ऐसी गर्मी से राहत मिलेगा परंतु आपको बता दे कि उत्तर भारत से बादल अभी काफी दूर हैं।
मौसम विभाग का अनुमान
भारतीय मौसम विभाग वालों का कहना है कि बुधवार की गर्मी भी अपने रूप रोज कि तरह ही दिखाएगी, जैसा कि आज है भी। बाड़मेर में फिर से इस वर्ष का सबसे अधिकतम तापमान दर्ज़ हुआ है। इस बढ़ती प्रचंड गर्मी से यमुना नदी के जलस्तर में भी गिरावट आई है, जिससे जल आपूर्ति भी बहुत प्रभावित हुई है। भारती मौसम विभाग वालों ने आशंका जताई है कि अगले कुछ दिनों में भारत के उत्तरी-पश्चिमी इलाकों में तापमान 3 से 4 डिग्री और बढ़ सकती है साथ ही स्थितियां और खराब होने की आशंका भी जताई है।
गर्म रातें बढ़ाएंगी परेशानी
मौसम विभाग ने भारत के कुछ उत्तरी इलाकों राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके और राजस्थान में गर्म रातों कि संभावना जताई गई है जिसे गर्मी संबंधित परेशानियां बढ़ सकती है। जिससे सभी उम्र के लोगों के लिए गर्मी से होने वाली बीमारियां और हिटस्ट्रोक की “बहुत अधिक संभावना” जताई गई है।
गर्म रातें हैं खतरनाक
रात का तापमान बहुत अधिक होना खतरनाक माना जाता है क्योंकि इससे शरीर को ठंडा होने का अवसार नहीं मिल पाता है। शहरों में रात के समय गर्मी बढ़ना आम बात है और मेट्रो सिटी में अपने आसपास के क्षेत्रों के मुकाबले रातें ज्यादा गर्म होती है। प्रचंड गर्मी अपना बुरा प्रभाव बिजली ग्रिडों पर भी डालती है और जिससे जल स्त्रोत भी सूखते जा रहे हैं। जिससे देश के कुछ हिस्सों में सुखा पड़ने लगा है।
सुख रहे हैं जल स्त्रोत
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक़ पिछले पांच वर्षों के मुकाबले पिछले हफ्ते जल स्त्रोतों का पानी सबसे नीची गिर गया है जिस कारण कई इलाकों में जल की कमी बढ़ गई है। जिससे जल से बनने वाले बिजली स्त्रोतों का पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी प्रचंड गर्मी में बाहर काम कर रहे सभी वर्ग के लोगों को गर्मी से होने वाली थकावट और हिटस्ट्रोक का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
हीटवेव ने ली हजारों जान
WHO के अनुसार , साल 1998 से 2017 के बीच हीटवेव(लू) से लगभग 1,66,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई। केंद्र स्वस्थ्य मंत्रालय ने पिछले वर्ष सांसद को बताया कि साल 2015 से 2022 के बीच हीटवेव के कारण लगभग 3,812 मौतें हुई, जिसमें से 2,419 मौतें अंद्रप्रदेश में हुई।
45 डिग्री के पार तापमान इन 24 राज्यों में
बुधवार को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में कम से कम 24 इलाकों में तापमान 45 डिग्री या उससे भी अधिक दर्ज़ किया गया है। राजस्थान के बाड़मेर में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस , चुरू में अधिकतम तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस और फलौदी में 47.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हरियाणा के सिरसा में अधिकतम तापमान 47.7 डिग्री सेल्सियस , पंजाब के भटिंडा में अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस, मध्यप्रदेश के रतलाम में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस, उत्तरप्रदेश के झांसी में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस और महाराष्ट्र के अकोला में अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज़ किया गया।
क्यों पड़ रही है इतनी भयंकर गर्मी
मौसम विभाग ने बताया की इतनी गर्मी पढ़ने का कारण अल नीनो है, जिसके कारण इतनी भयंकर गर्मी पड़ रही है। यही कारण था कि 2023 का मौसम भी इतना गर्म और शुष्क था। मौसम विभाग द्वारा आशंका जताई जा रही है कि जून माह तक अल नीनो खत्म हो जाएगा, जिसके कारण इस साल मानसून में अच्छी बारिश होने की संभावना है। पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाला अल नीनो अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है और इसके विपरीत ला नीना की स्थिति मजबूत हो रही है। आज शंकर जताई जा रही है कि अगस्त मटक ला नीना की स्थिति पूरी तरह मजबूत हो जाएगी, जिससे मानसून में अच्छी बारिश की स्थिति बनेगी।
प्रचंड गर्मी से कब मिलेगा राहत
मौसम विभाग द्वारा आशंका जताई जा रही है कि जब अल नीनो की स्थिति कमजोर होगी और ला नीना की स्थिति मजबूत होते ही लोगों को इस प्रचंड गर्मी से राहत मिल जाएगी। बताया जा रहा है कि ला नीना की स्थिति मजबूत होते से इस बार मानसून में अच्छी बारिश होगी। यह आशंका भी जताई जा रही है कि इस साल मानसून समय से पहले दस्तक देकर लोगों को इस प्रचंड गर्मी से राहत दिलाएगा।