एग्जाम में पेपर लीक करना और धांधली करना जैसे मुजरिम के लिए मानो बाएं हाथ का खेल बन चुका है। साल 2022 में PCS-J के परीक्षा में जुटी गड़बड़ी का मामले सामने आया और जब इसकी जांच हुई तो चौंकाने वाली बात सामने आई कि परीक्षा देने वाले 50 ऐसे विद्यार्थी हैं जिनकी कॉपियों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। UPSC आयोग ने कोर्ट के सामने यह स्विकार किया कि परीक्षा परिणामों में इंटरमिक्सिंग की गई है। साथ हि आयोग के सचिव ने यह एलान भी किया कि जिन 50 अभ्यार्थियों के कॉपियों के साथ छेड़छाड़ हुई थी उनके परिणाम दुबारा से 3 अगस्त तक घोषित कर दिए जायेंगे।
ऐसे पता चला, आंसरशीट के साथ हुई है गड़बड़ी
PCS-J 2022 की परीक्षा में शामिल होने वाले एक अभ्यार्थी श्रवण कुमार ने याचिका दायर की थी की वह इस परीक्षा के परिणाम जो 30 अगस्त 2023 को रिलीज हुए थे, उस परीक्षा के परिणाम में जो अंक उसे प्राप्त हुए हैं वह उससे संतुष्ट नहीं है। अपनी असंतुष्टि के कारण उसने आरटीआई के जरिए आयोग से जानकारी मांगी तो इसे 6 प्रसन्न पत्रों में प्राप्त अंकों की जानकारी मिलि, जिसे देखने के बाद उसे पता चला कि उसे अंग्रेजी की परीक्षा में 200 में से केवल 47 अंक ही प्राप्त हुए हैं जिससे वह बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हुआ और आरटीआई के जरिए उसने आयोग से 6 प्रसन्न पत्रों की उत्तरपुस्तिका देखने की मांग की।
जब उसे उत्तरपुस्तिका प्राप्त हुई और उसने जब देखा तो उसे पता चला कि अंग्रेजी परीक्षा में जो हैंडराइटिंग है वह उसकी नहीं है, जो कि उसने अपनी दूसरी उत्तरपुतिकाओं में लिखी है। जब उसने अन्य उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की तो उसने देखा कि उसकी हिंदी कि उत्तरपुस्तिका में से 3 से 4 पन्ने फैट हुए हैं।
उन 50 अभ्यार्थियों के परिणाम दुबारा होंगे जारी
श्रवण कुमार की इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसडी सिंह आर और न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता जी कि खंडपीठ ने लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को लिखित रूप से बयान जारी करने का आदेश दिया। अभिवक्ता विभु राय ने बताया कि आयोग के उपसचिव से लिखित बयान में यह स्विकार किया है कि परीक्षा में इंटरमिक्सिंग हुई है। जांच में पता चला है कि 50 अभ्यार्थी ऐसे हैं जिनके उत्तरपुस्तिका के साथ इंटरमिक्सिंग की गई है और यह भी कुबूल किया कि उन 50 अभ्यार्थियों के परिणाम फिर से जारी किए जाएंगे। अब इस याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।
आयोग को 3 अगस्त तक कोर्ट को देना होगा जवाब
PCS-J परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद चयनित अभ्यर्थी अपने – अपने पदों पर नियुक्त हो चुके हैं। ऐसे में कोर्ट ने आयोग से सवाल पूछा की कितने विद्यार्थी ऐसे हैं जिनके परिणाम उचित नहीं है और यदि इनके परिणाम दुबारा तैयार किए गए तो कितने विद्यार्थी ऐसे होंगे जो बाहर होंगे? चयन से बाहर जाने वाले और अंदर आने वाले अभ्यार्थियों के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी? इन सभी प्रश्नों के साथ कोर्ट ने आयोग को उनकी कार्यवाही पूरी करने के लिए 3 अगस्त तक का समय दिया है। साथ ही कोर्ट ने आयोग को यह आदेश भी दिया है कि अभ्यार्थियों के उत्तरपुस्तिका को कोर्ट में पेश किया जाए। याचिका कर्ता श्रवण कुमार का आरोप है की उसकी अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में उसकी हैंड राइटिंग नहीं है और हिंदी कि उत्तरपुस्तिका में से कुछ पन्ने फटे हुए हैं जिसे वह PCS-J की मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया।