राजस्थान का नाम आते ही दिमाग में रजवाड़े परिवारों और महलों को तस्वीरें सामने उभरने लगती है। राजस्थान एक बेहद ही खूबसूरत राज्य है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। राजस्थान का ही एक मशहूर शहर जयपुर अपनी खूबसूरती और संस्कृति से अलग पहचान बनाए हुए विश्वभर में प्रसिद्धि प्राप्त किए हुए है। इतना ही नहीं इस शहर को पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। परंतु क्या आप जानते हैं कि जयपुर को यह नाम कैसे मिला है? आज इस लेख में आप इसी विषय विषय में जानेंगे।
हमारा भारत अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में बहुत ही मशहूर है। हमारा भारत प्राचीन समय से ही खुबसूरती और अनोखे पर्यटन स्थलों से पूरे विश्व भर में जन जाता है, यहां न सिर्फ कई सारे शानदार पर्यटन स्थल है, बल्कि यहां का खानपान और पहनावा भी प्राचीन समय से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है। यहां के हर एक राज्य और शहर की अपनी अलग संस्कृति और परंपरा है। राजस्थान भारत के इन्हीं राज्यों में से एक है, जहां की संस्कृति और परंपरा लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां न केवल बेहतरीन संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर देखने को मिलती है बल्कि स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद भी लेने को मिलता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर केवल देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपने संपन्न संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
पिंक सिटी
जयपुर शहर पिंक सिटी अर्थात गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर को पिंक सिटी के नाम से काफी समय से पुकारा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस नाम के पीछे की कहानी आखिर क्या है? शायद बेहद ही कम लोग यह जानते होंगे कि जयपुर के गुलाबी शहर होने के पीछे की ऐतिहासिक कहानी क्या है?
रजवाड़ों द्वारा बसाया शहर
यह बात तो हम सभी जानते हैं कि राजस्थान में राजाओं का शासन हुआ करता था, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह राजवाड़ा शहर है।18 नवंबर, 1927 में जयपुर को कछवाहा वंश के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा बसाया गया था। इस शहर को बसाने में उन्होंने बंगाल के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद ली थी। राजस्थान के इस शहर को चारों तरफ से सूर्य के सात घोड़ों पर आधारित 7 दरवाजों और परकोटों के बीच बसाया गया है। साथ ही भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त होने की वजह से महाराजा ने इन दरवाजों में से एक का नाम कृष्ण पाल रखा था, जिसे अब अजमेरी गेट के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा शहर के बीच एक चौक और तालाब बनवाया गया, जो तालकटोरा कहा जाता है। साथ ही आज जिस सिटी पैलेस को देखने देश-दुनिया से लोग जयपुर आते हैं, उसे जयनिवास उद्यान के सामने राज महल के रूप में बनाया गया था।
शहर का नाम पिंक सिटी कैसे पड़ा?
इस शहर का नाम जयपुर पड़ने के पीछे भी एक बेहद दिलचस्प कहानी है। चूंकि इस शहर की स्थापना सवाई जयसिंह ने की थी, इसलिए इस शहर को जयपुर कहा गया। अगर हम बात करें शहर के पिंक सिटी बनने की तो, ऐसा माना जाता है कि इस शहर को पिंक सिटी का नाम प्रिंस अल्बर्ट द्वारा दिया गया था। दरअसल, साल 1853 में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स के युवराज अल्बर्ट जयपुर आने वाले थे। ऐसे में दोनों के स्वागत की तैयारियों में जुटे महाराजा सवाई राम सिंह ने पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया था।
ऐसे में ‘पिंक सिटी’ बना जयपुर स्वागत की तैयारी करते समय महाराजा के मन में विचार आया कि क्यों ना शहर को एक रंग में रंग दिया जाए। बस फिर क्या था उन्होंने अपने इस विचार पर आगे बढ़ते हुए उच्च अधिकारियों से इस बारे में विचार विमर्श किया और फिर परकोटे में स्थित पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया। इसके बाद जब प्रिंस अल्बर्ट जयपुर पहुंचे तो वह राजा की मेहमानवाजी और शहर का यह गुलाबी नजारा देख हैरान रह गए और शहर को देख उनके मुंह से पिंक सिटी नाम निकला। बस तभी से जयपुर को पिंक सिटी यानी गुलाबी शहर कहा जाने लगा।