दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीति हमेशा से ही सुर्खियों में रही है, और हाल ही में उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने एक बार फिर उन्हें चर्चा में ला दिया है। यहां हम उनके ताजा घटनाक्रमों पर एक नजर डालते हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप और गिरफ्तारी
मार्च 2024 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया। आरोप है कि इस नीति के तहत करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई थी। उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया है और अप्रैल 2024 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को बरकरार रखा।
अदालत में कार्यवाही
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिहाई के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने अंतरिम रिहाई की याचिका को खारिज कर दिया और मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के अंत में रखी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया और उनसे इस मामले में जवाब मांगा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और बयानबाजी
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। भाजपा की उम्मीदवार बंसुरी स्वराज ने कहा कि केजरीवाल को केवल चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई है, और उन्हें निर्दोष मान लेना सही नहीं है। दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि केजरीवाल जल्द ही वापस जेल जाएंगे और उनकी जमानत को एक “कैदी की छुट्टी” करार दिया।
आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केजरीवाल का समर्थन करते हुए कहा कि लोग अरविंद केजरीवाल को सुनना चाहते हैं और उन्होंने उन्हें एक विचारधारा का प्रतीक बताया। मान का कहना है कि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन एक विचारधारा को नहीं।
केजरीवाल का बयान
गिरफ्तारी के बाद अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में, केजरीवाल ने कहा कि वह “सीधे जेल से आ रहे हैं” और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनकी सरकार गिर सके। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार के आने पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को किनारे कर दिया जाएगा और अमित शाह प्रधानमंत्री बनेंगे।
आगामी चुनौतियां
इस बीच, आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है कि केजरीवाल जल्द ही पार्टी के विधायकों के साथ एक बैठक करेंगे। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी केजरीवाल के खिलाफ लगे आरोपों को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है और उनके समर्थन में आवाज उठाई है।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल की राजनीति और उनकी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। आगामी दिनों में कोर्ट की सुनवाई और राजनीतिक घटनाक्रम इस मामले को और भी पेचीदा बना सकते हैं। इस बीच, केजरीवाल और उनकी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया है।
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