नवाजुद्दीन सिद्दीकी पिछले 25 सालों से फिल्म इंडस्ट्री में हैं, उन्होंने इंडस्ट्री लाइफ में लगभग हर तरह के किरदार निभाए हैं और उनके फैंस ने भी उन्हें खूब प्यार दिया है और सराहा है। बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘रौतू का राज’ को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में, नवाजुद्दीन ने देश के लोगों द्वारा उन पर बरसाए गए अपार प्यार के बारे में बात की और इस धारणा को नकार दिया कि उन्हें कभी उनके धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना भी करना पड़ा था।
अपने रीसेंट इंटरव्यू के दौरान जब नवाजुद्दीन ने कुबूल किया कि उन्हें राजनीति और क्रिकेट में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो उनसे तुरंत उनकी 2019 की फिल्म ‘ठाकरे’ के बारे में पूछा गया। इसमें शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे का किरदार निभाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, “मैं राजनीतिक किरदार निभाकर खुश हूं।”
इंटरव्यू में आगे अभिनेता से पूछा गया कि क्या मुस्लिम समुदाय में फिल्म को लेकर विरोधी प्रतिक्रिया हुई, नवाज ने कहा, “कुछ प्रतिक्रिया हुई, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।” इसके बाद अभिनेता से तुरंत फिर से सवाल किया और पूछा कि क्या बॉलीवुड धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, इस पर एक पेशेवर की तरह नवाज ने कहा, “सवाल ही पैदा नहीं होता”।
अभिनेता ने कहा कि बाकी समाज को बॉलीवुड से सीख लेनी चाहिए, जब उनसे कुछ दिग्गज अभिनेताओं की अपने समुदाय के आधार पर राय में अंतर के बारे में पूछा गया तो नवाजुद्दीन ने बताया किया कि काम को लेकर तो अनुपम खेर भी नसीरुद्दीन शाह का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि न तो उन्हें मुस्लिम होने के कारण किसी भेदभाव का सामना करना पड़ा है और न ही सांप्रदायिक राजनीति ऐसी चीज है, जो हिंदी सिनेमा में मौजूद है।
इंटरव्यू में आगे अभिनेता से पूछा गया, “क्या मुस्लिम होने की वजह से आपको शोबिज में कोई नुकसान हुआ”, और नवाजुद्दीन ने जवाब दिया, “मुझे तो इतना प्यार मिलता है यार। मैं अपने देश के अंदरूनी हिस्सों में घूमा हूं; मुझे नहीं पता कि वे समाचारों में क्या दिखाते हैं, लेकिन हमारे देश के लोग सुंदर हैं, वे मासूम हैं।” उन्होंने बताया कि वह खुद को इंडस्ट्री और देश का हिस्सा महसूस करते हैं, जो उन्हें इतना प्यार और सम्मान देता है, जो उन्हें कहीं और नहीं मिल सकता। मैं अपने देश के अंदरूनी हिस्सों में घूमा हूं। मुझे नहीं पता कि वे समाचारों में क्या दिखाते हैं, लेकिन हमारे देश के लोग सुंदर हैं, वे मासूम हैं।”