Thursday, November 21, 2024
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Health Insurance के नियमों में हुए बदलाव, जानिए इन मुख्य 5 बिंदुओं को

हेल्थ इंश्योरेंस के विषय में आज हर व्यक्ति जानता है। कोरोना काल से पूर्व अधिकतर लोग इस बीमा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया करते थे, लेकिन कोरोना काल से लोग जागरुक हुए हैं और सेहत बीमा (Health Insurance) का लाभ उठा रहे हैं। बीमा नियामक इरडा (IRDAI) बीमाधारकों को राहत देने के लिए लगातार कोई न कोई काम कर रही है। इरडा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है, जो बीमाधारको की स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ मनमानी करने वाली इंश्योरेंस कंपनियों की मर्जी पर भी रोक लगाने के लिए एक बडा कदम है। बीमा नियामक ने 1-3 घंटे का नया रूल लागू किया है। जो बीमाधारकों को कैशलैस इलाज में बहुत सहायक होने वाला है।

समय से शुरू हो सकेगा इलाज

IRDAI द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस में कैशलैस भुगतान के लिए किए गए नए बदलावों से साधारण लोगों और बीमाधारकों को कई तरीकों से फायदा मिलेगा और इसमें सबसे पहले समय से इलाज शुरू हो सकेगा। अक्सर यह देखा जाता था कि हेल्थ इंश्योरेंस कराने वाले लोगों को घटना के बाद मरीज के परिजनों को हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए तुरंत पैसे जुटाने की जरूरत पड़ती थी, परंतु न्यू हेल्थ इंश्योरेंस के नियम के तहत अब इस समस्या से मुक्ति मिल गई है। क्योंकि अब इलाज के लिए बीमा धारकों को बीमा कंपनीयां कैशलैस इलाज के लिए 1 घंटे में अप्रूवल देगी जिससे जल्द से जल्द हॉस्पिटल में इलाज शुरू हो सकेगा।

3 घंटों में होगा क्लेम सेटलमेंट

अब तक कैशलैस हेल्थ इंश्योरेंस के तहत लोगों को इलाज कराने के बावजूद क्लेम सेटलमेंट के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। लेकिन अब लोगों को इस परेशानी से भी छुट्टी हो जाएगी। क्योंकि IRDAI ने इसमें भी बदलाव किया है और अब बीमा कंपनियों को मरीज के अस्पताल से डिस्चार्ज के रिक्वेस्ट मिलने के बाद अगले 3 घंटों के भीतर अपना अप्रूवल देना होगा। जिसका फायदा यह है कि अब बीमाधारकों को अब डिस्चार्ज होने की रिक्वेस्ट के 3 घंटों के भीतर क्लेम सेटल या बिल सेटलमेंट हो जाएगा।

तुरंत देना होगा अप्रूवल

अगर किसी बीमाधारक को हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता है, तो उस स्थिति में हॉस्पिटल बीमाधारक के संबंधित कैशलैस इलाज के लिए बीमा कंपनी के लिए एक बिल बनाता है और उन्हें भेजता है। जिसे मिलने के बाद बीमा कंपनी उसे अप्रूवल देती है ताकि इलाज हो सके। परंतु कई बार इस प्रक्रिया में लंबा समय लग जाता है, लेकिन अब IRDAI द्वारा निर्धारित नए नियम के अनुसार बीमा कंपनियों को ऐसी रिक्वेस्ट पर 1 घंटे के अंदर ही तय करना होगा और ऐसी रिक्वेस्ट पर अप्रूवल या डिसअप्रूवल देना होगा।

पेपर वर्क से मिली मुक्ति

IRDAI के द्वारा निर्धारित नए नियम के तहत अब बीमाधारकों को सभी प्रकार की कागजी कार्यवाही से छुट्टी मिल जाएगी। क्योंकि अब बीमा कंपनियों IRDAI द्वारा निर्देश दिया गया है कि बीमाधाराक के ऑनबोर्ड करने से लेकर पॉलिसी के रिन्यूअल और अन्य सभी सेवाओं के लिए एंड-टू -एंड टेक्निकल सोल्यूशन देना होगा। अब बीमाधारक को किसी भी प्रकार का डॉक्यूमेंट बीमा कम्पनी में जमा नहीं करना होगा बल्कि बिना कंपनी खुद से हॉस्पिटल से संबंधित डॉक्यूमेंट कलेक्ट करेगी।

पॉलिसी की हर डिटेल होगी बीमाधारक के पास

अब कोई भी बिना कम्पनी पॉलिसी होल्डर को पॉलिसी बेचते समय कोई भी आवश्यक मुद्दा छुपा नहीं सकेगी, उन्हें हर एक छोटी से छोटी जानकारी पॉलिसी होल्डर के साथ शेयर करनी पड़ेगी। IRDAI के नए नियम के अनुसार अब बीमा कंपनियों को अपने बीमाधारक को एक कस्टमर इन्फॉर्मेशन शीट देनी होगी। जिसने साधारण भाषा में पॉलिसी की सभी जानकारियां लिखी होगी। जैसे- बीमा कैशलैस है, बिना राशि कितनी है, कवरेज की डिटेल, क्लेम के दौरान होने वाली डिस्कशन, बीमा कवरेज के साथ अन्य सभी जानकारियां।

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